क्या है सोम रस? क्यो पीते थे देवता sarab ke name शराब अर्थ देवता शराब नही पीते थे , सोमरस सोम के पौधे से प्राप्त होता था हिमाचल की दुर्गम् पहाडियों मे , आज सोम का पौधा लगभग विलुप्त है , शराब पीने को सुरापान कहा जाता था , सुरापान असुर करते थे , ऋग्वेद में सुरापान को घृणा के तौर पर देखा गया है , टीवी सीरियल्स ने भगवान Bhagvan इंद्र को अप्सराओं से घिरा दिखाया जाता है और वो सब सोमरस पीते रहते हैं , जिसे सामान्य जनता शराब समझती है , सोमरस , सोम नाम की जड़ीबूटी थी जिसमे दूध और दही मिलाकर ग्रहण किया जाता था , इससे व्यक्ति बलशाली और बुद्धिमान बनता था , जब यज्ञ होते थे तो सबसे पहले अग्नि को आहुति सोमरस से दी जाती थी , ऋग्वेद में सोमरस पान के लिए अग्नि और इंद्र का सैकड़ो बार आह्वान किया गया है , आप जिस इंद्र को सोचकर अपने मन मे टीवी सीरियल की छवि बनाते हैं वास्तविक रूप से वैसा कुछ नही था , जब वेदों की रचना की गयी तो अग्नि देवता , इंद्र देवता , रुद्र देवता आदि इन्ही सब का महत्व लिखा गया है , मन मे वहम मत पालिये , कहीं पढ़ रहा था , किसी ने पोस्ट किया था कि देवता भी सोमरस पीते थे तो हम भी पिय
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